अक्सर बिछड़ जाते हैं राह मे मिलने वाले,
रातको बिखर जाते हैं दिन मे खिलने वाले,
महफ़िल भी अपना साथ छोड़ दे रात ढलते ढलते, वरना जाम की कमी नही करते प्यार करने वाले,
अक्सर बिछड़ जाते हैं राह मे मिलने वाले।
उनकी यादों से दिल लगा बैठे तो दर्द हुई,
सांसो में उन्हें पनहा दे बैठे तो दर्द हुई,
ये कोई इत्तेफाक नही की कश्मकश मे है ज़िन्दगी ,
अक्सर दिल जला बैठ ते हैं प्यार करने वाले, अक्सर बिछड़ जाते हैं राह मे मिलने वाले।
कसम एय उल्फत तेरी ज़ुल्फ़ो के छाओं मे,
शाम ढल आती हे दूर किसी गाँव में, लम्हा लम्हा जलता है दिल कशिश मे तेरी, और जान गवा बैठ ता है प्यार करने वाले, अक्सर बिछड़ जाते हैं राह मे मिलने वाले।
महफ़िल भी अपना साथ छोड़ दे रात ढलते ढलते, वरना जाम की कमी नही करते प्यार करने वाले,
अक्सर बिछड़ जाते हैं राह मे मिलने वाले।
उनकी यादों से दिल लगा बैठे तो दर्द हुई,
सांसो में उन्हें पनहा दे बैठे तो दर्द हुई,
ये कोई इत्तेफाक नही की कश्मकश मे है ज़िन्दगी ,
अक्सर दिल जला बैठ ते हैं प्यार करने वाले, अक्सर बिछड़ जाते हैं राह मे मिलने वाले।
कसम एय उल्फत तेरी ज़ुल्फ़ो के छाओं मे,
शाम ढल आती हे दूर किसी गाँव में, लम्हा लम्हा जलता है दिल कशिश मे तेरी, और जान गवा बैठ ता है प्यार करने वाले, अक्सर बिछड़ जाते हैं राह मे मिलने वाले।
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